प्रकाशन नैतिकता

रिसर्च रिव्यू जर्नल ऑफ सोशल साइंस (RRJSS) उच्चतम प्रकाशन नैतिकता मानकों का पालन करता है, और प्रकाशन नैतिकता समिति (COPE) द्वारा निर्धारित सिद्धांतों और सर्वोत्तम प्रथाओं का अनुसरण करता है। प्रकाशन प्रक्रिया में शामिल सभी पक्ष—लेखक, समीक्षक और संपादक—से अपेक्षा की जाती है कि वे इन नैतिक मानकों को बनाए रखें ताकि अकादमिक शोध की निष्पक्षता और विश्वसनीयता सुनिश्चित हो सके।

लेखकों के लिए

  • मौलिकता और साहित्यिक चोरी:
    प्रस्तुतियाँ मौलिक कार्य होनी चाहिए। दूसरों की सामग्री का उपयोग सही तरीके से उद्धृत या संदर्भित किया जाना चाहिए। सभी प्रस्तुतियों की साहित्यिक चोरी जांच (Plagiarism Check) टर्निटिन (Turnitin) या समान सॉफ़्टवेयर द्वारा की जाती है।
  • डेटा की सत्यता:
    लेखकों को सटीक और पूर्ण डेटा प्रस्तुत करना चाहिए। डेटा का निर्माण, फर्जीवाड़ा या हेरफेर सख्त वर्जित है।
  • एकाधिक प्रस्तुतियाँ:
    पांडुलिपियाँ अन्यत्र समीक्षा में न हों या प्रकाशित न हों। एक साथ प्रस्तुत करना अनैतिक है।
  • लेखकत्व:
    केवल वे योगदानकर्ता जिन्हें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, उन्हें लेखक के रूप में सूचीबद्ध किया जाना चाहिए। सभी सह-लेखकों को अंतिम संस्करण स्वीकृत करना और जमा करने के लिए सहमत होना चाहिए।
  • हित संघर्ष:
    लेखकों को किसी भी संभावित हित संघर्ष (आर्थिक या व्यक्तिगत) को प्रकट करना चाहिए जो शोध या उसकी प्रस्तुति को प्रभावित कर सकता है।
  • स्रोतों की मान्यता:
    पिछले कार्यों को उचित रूप से मान्यता दी जानी चाहिए। प्रासंगिक संदर्भों को सही तरीके से उद्धृत किया जाना चाहिए।

समीक्षकों के लिए

  • गोपनीयता:
    समीक्षकों को पांडुलिपियों को गोपनीय दस्तावेज़ के रूप में रखना चाहिए और संपादक की अनुमति के बिना उनकी सामग्री साझा या चर्चा नहीं करनी चाहिए।
  • निष्पक्षता:
    समीक्षा निष्पक्ष और रचनात्मक होनी चाहिए। लेखक की व्यक्तिगत आलोचना अनुचित है।
  • स्रोतों की मान्यता:
    समीक्षकों को उद्धृत न किए गए प्रासंगिक कार्यों की पहचान करनी चाहिए और किसी भी नैतिक चिंता (जैसे साहित्यिक चोरी या डुप्लिकेट प्रकाशन) की रिपोर्ट करनी चाहिए।
  • हित संघर्ष:
    समीक्षक किसी भी हित संघर्ष को प्रकट करें और ऐसी पांडुलिपियों की समीक्षा करने से परहेज करें।

संपादकों के लिए

  • प्रकाशन निर्णय:
    संपादक पांडुलिपियों पर अंतिम निर्णय के लिए जिम्मेदार हैं। निर्णय प्रासंगिकता, मौलिकता, स्पष्टता और क्षेत्र में समग्र योगदान पर आधारित होते हैं।
  • निष्पक्षता:
    पांडुलिपियों का मूल्यांकन केवल शैक्षणिक योग्यता के आधार पर किया जाता है, जाति, लिंग, धर्म, राष्ट्रीयता या राजनीतिक विश्वास के आधार पर कोई भेदभाव नहीं।
  • गोपनीयता:
    संपादक और संपादकीय कर्मचारी किसी भी पांडुलिपि विवरण को केवल समीक्षा प्रक्रिया में शामिल व्यक्तियों को ही साझा कर सकते हैं।
  • प्रकटीकरण और हित संघर्ष:
    संपादक बिना लेखक की लिखित अनुमति के अप्रकाशित सामग्री का अपने शोध में उपयोग नहीं करेंगे। किसी भी पांडुलिपि की समीक्षा करते समय, जिसमें उनका हित संघर्ष है, उन्हें समीक्षा से अलग होना चाहिए।
  • दुराचार का समाधान:
    संपादक COPE दिशानिर्देशों के अनुसार दुराचार के आरोपों पर कार्रवाई करेंगे, जिसमें जांच करना, सुधार जारी करना या प्रकाशित कार्य को वापस लेना शामिल हो सकता है।

इन नैतिक दिशानिर्देशों का पालन करके, रिसर्च रिव्यू जर्नल ऑफ सोशल साइंस (RRJSS) अकादमिक निष्पक्षता, पारदर्शिता और गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।