साहित्यिक चोरी और एआई नीति

रिसर्च रिव्यू जर्नल ऑफ सोशल साइंस (RRJSS) शैक्षणिक ईमानदारी और मौलिकता के उच्चतम मानकों के प्रति प्रतिबद्ध है। यह नीति यूजीसी (उच्च शिक्षा संस्थानों में शैक्षणिक ईमानदारी को बढ़ावा देने और साहित्यिक चोरी की रोकथाम) विनियम, 2018 के अनुरूप है। इस जर्नल में साहित्यिक चोरी को रोकने और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) उपकरणों के जिम्मेदार उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए सख्त और पारदर्शी नियम बनाए गए हैं।

साहित्यिक चोरी नीति (स्वीकृत सीमा 10% या उससे कम)

साहित्यिक चोरी की परिभाषा:
साहित्यिक चोरी वह कृत्य है जिसमें किसी अन्य व्यक्ति के विचारों, शब्दों या रचनात्मक अभिव्यक्तियों को उचित उद्धरण के बिना अपना प्रस्तुत किया जाए। इसमें शामिल हैं:

  • किसी अन्य स्रोत से बिना उद्धरण के टेक्स्ट, चित्र या तालिकाओं की नकल करना।
  • स्वयं की प्रकाशित सामग्री का बिना खुलासा किए पुन: उपयोग (Self-Plagiarism)।
  • इंटरनेट स्रोतों का उचित उल्लेख किए बिना उपयोग करना।

साहित्यिक चोरी के प्रकार:

  • प्रत्यक्ष साहित्यिक चोरी (Direct Plagiarism): शब्दशः नकल करना बिना उद्धरण के।
  • स्व-साहित्यिक चोरी (Self-Plagiarism): अपनी पूर्व प्रकाशित सामग्री का संदर्भ दिए बिना उपयोग करना।
  • मोज़ेक साहित्यिक चोरी (Mosaic Plagiarism): विभिन्न स्रोतों से सामग्री मिलाकर उचित क्रेडिट न देना।
  • अनजानी साहित्यिक चोरी (Accidental Plagiarism): अनजाने में उचित उद्धरण या पैराफ़्रेज़िंग न करना।

पता लगाने और रोकथाम:

  • प्रकाशन पूर्व जांच: सभी पांडुलिपियों की टर्निटिन (Turnitin) या समान सॉफ्टवेयर के माध्यम से जांच की जाती है। यूजीसी द्वारा स्वीकार्य समानता सीमा से अधिक होने पर पांडुलिपि सुधार के लिए लौटाई जाएगी।
  • समीक्षा के दौरान: संपादक और समीक्षक संदिग्ध साहित्यिक चोरी को चिन्हित करेंगे। लेखक से संशोधन या उद्धरण के लिए संपर्क किया जाएगा।
  • प्रकाशन के बाद: यदि प्रकाशित होने के बाद साहित्यिक चोरी पाई जाती है, तो संभावित कार्रवाई में शामिल हो सकते हैं:
    • पेपर को वापस लेना (Retraction)
    • लेखक के संस्थान या फंडिंग संस्था को सूचित करना
    • लेख पर साहित्यिक चोरी का नोटिस लगाना

साहित्यिक चोरी रिपोर्ट करना:
संदिग्ध साहित्यिक चोरी की रिपोर्ट इस ईमेल पर भेजी जा सकती है: editor@rrjournals.co.in

लेखक की जिम्मेदारियां:

  • मौलिकता और उचित उद्धरण सुनिश्चित करना।
  • पूर्व कार्य के पुन: उपयोग का खुलासा करना और सही तरीके से उद्धृत करना।
  • एक ही पांडुलिपि को कई जर्नल में जमा न करना।

एआई नीति (अधिकतम स्वीकार्य AI-निर्मित सामग्री: 15%)

पांडुलिपि लेखन में AI का उपयोग:
लेखक AI उपकरण जैसे ChatGPT या Grammarly का उपयोग केवल सहायक लेखन उपकरण के रूप में कर सकते हैं, निम्नलिखित शर्तों के तहत:

पारदर्शिता:

  • AI उपकरणों के उपयोग का स्पष्ट उल्लेख Acknowledgment या Methods सेक्शन में करें।
  • यह उल्लेख करें कि कौनसे उपकरण किस प्रकार इस्तेमाल किए गए (जैसे व्याकरण सुधार, संरचना सुझाव)।

लेखकत्व और जिम्मेदारी:

  • AI उपकरणों को लेखक के रूप में सूचीबद्ध नहीं किया जा सकता।
  • सभी AI-निर्मित या संपादित सामग्री की पूरी जिम्मेदारी लेखक की होगी।

मौलिकता:

  • AI-निर्मित सामग्री में साहित्यिक चोरी शामिल नहीं होनी चाहिए।
  • लेखक को सभी AI-निर्मित भागों की समीक्षा और तथ्य-जांच करनी चाहिए।

नैतिक उपयोग:

  • AI केवल सहायता प्रदान करे, आलोचनात्मक सोच या डेटा विश्लेषण का स्थान न ले।
  • असली योगदान, मौलिकता और बौद्धिक योग्यता लेखक से ही आनी चाहिए।

शैक्षणिक ईमानदारी के प्रति प्रतिबद्धता:
इस साहित्यिक चोरी और एआई नीति का पालन करके, रिसर्च रिव्यू जर्नल ऑफ सोशल साइंस (RRJSS) मौलिक, नैतिक और पारदर्शी शोध प्रकाशित करने के लिए प्रतिबद्ध है। सभी हितधारक—लेखक, समीक्षक और संपादक—से अपेक्षा की जाती है कि वे इन सिद्धांतों का पालन करें।

संपर्क: editor@rrjournals.co.in