Politicization of Caste in India
भारत में जाति का राजनीतिकरण
DOI:
https://doi.org/10.31305/rrjss.2024.v04.n01.004Keywords:
Dalit, socio-economic-political, Constitution, state-societyAbstract
After gaining independence, the modern form of Indian politics began to develop. It was expected that with the establishment of a democratic system, casteism in India would come to an end. However, the opposite happened. Casteism not only persisted in society but also infiltrated politics, taking on an aggressive form. Casteism has not only influenced India's economic, social, cultural, and religious tendencies but has also significantly impacted politics. Caste has played a crucial role in Indian politics. Not only central but also state-level politics have been affected by casteism, which poses a serious threat to the democratic system. This has hindered national unity and the path to development.
Abstract in Hindi Language: स्वाधीनता प्राप्ति के पश्चात् भारतीय राजनीति का आधुनिक स्वरूप विकसित हुआ। अतः यह संभावना व्यक्त की जाने लगी कि देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था स्थापित होने पर भारत से जातिवाद समाप्त हो जायेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ बल्कि जातिवाद ने न केवल समाज में बल्कि राजनीति में भी प्रवेश करके उग्र रूप धारण कर लिया है। भारत में जातिवाद ने न केवल यहाँ की आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, प्रवृतियों को ही प्रभावित किया है, बल्कि राजनीति को भी पूर्ण रूप से प्रभावित किया है। भारत की राजनीति में जाति ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। केन्द्र ही नहीं राजस्तरीय राजनीति भी जातिवाद से प्रभावित है, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए बहुत ही खतरनाक है, क्योंकि इसके कारण राष्ट्रीय एकता एवं विकास मार्ग अवरूद्ध हो रहा है।
Keywords: दलित, सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक, संविधान, राज्य-समाज।
References
भारत का संविधान, भारत सरकार, 1991,
अखिल भारतीय शोषित कर्मचारी संघ,
राजकिशोर, जाति का जहर,
श्रीनिवासन, एम0एन0, आधुनिक भारत में जाति